जानिए कैसे बनेगें ऑफिस में आइडियल पर्सनैलिटी ।
प्रोफेशनल लाईफ मैनेजमेंट:जानें चित्त की परख के गुर।
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कार्यस्थल पर होनेवाले तनाव से बच व्यक्तिगत जीवन को दें नया आयाम।
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स्नेहा आज फिर परेशान होकर ऑफिस के एक कोने में अपने सहकर्मियों को कोस रही थी। उनको यह महसूस होता था कि लोग उनके काम करने और स्पष्टवादी सोच से जलन रखते हैं। पुरूष सहकर्मी उनके लिए दिखावे का प्यार मगर असल में अपनी ताकत और रूआब से छल रहे हैं। इससे पहले वह पटना में एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम करती थी। वहाँ काम का समय निर्धारित नही था इसलिए घर और बच्चों पर वह ध्यान नही दे पा रही।पब्लिकेशन कंपनी के इस दफ्तर में भी स्नेहा असुरक्षित ही महसूस कर रही थी।सहकर्मियो का बर्ताव से स्नेहा का सरल स्वभाव गुस्से और अक्रामक स्वभाव की वजह से पति के साथ सदैव उनदोनो का अनबन हो रहा था। ऑफिस से घर आकर स्नेहा का शरीर जवाब दे देता था।मस्तिष्क ऐसा लगता था की किसी ने निचोङ कर रख दिया हो।वह मन ही मन डरने भी लगी थी। वह लाख चाहने के बावज़ूद ऑफिस के महौल में नही ढल पा रही थी।इस मुद्दे पर वह अपने कार्यालय के बौस से भी बहुत मर्तबा बात कर चुकी थी। नतीजा सिफर ही हर बार रहा था। ऑफिस में मालिक सभी कर्मचारी पर विश्वास रखते थे पर ऑफिस में टीम भावना नही होने के कारण वह भी परेशान रहा करते थे। दरअसल स्नेहा जिस कार्यालय में कार्यरत थी वहाँ
प्रोफेशनल लाइफ मैनेजमेंट की कमी सभी कर्मचारीयों में विगत कुछ महीने से वहाँ के देखी जा रही थी। कार्यस्थल पर कर्मचारियों के बीच आपसी मनमुटाव का सीधा असर वहाँ के कामकाज पर दिख रहा था। आये दिन एकाग्रता नहीं रहने से स्टाफ के बीच कार्य की गुणवत्ता के लिए विवाद बढ गया था। मैनेजमेंट कमिटी बनी थी पर जो कार्यरत कर्मी थे वह अपना हठ और एक दुसरे से कम न दिखे इस बात को लेकर ज्यादा बहस करते हुए देखे जा रहे थे।
जानें क्या है प्रोफेशनल लाइफ मैनेजमेंट!
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हर व्यक्ति को किसी न किसी जगह कार्य करना होता है। चाहे वह ऑफिस हो या स्वतंत्र कोई अपना उधम या स्वरोजगार ।आपकी सफलता इस बात पर टिकती है की आप अपने कार्य में कितने अच्छे प्रोफेशनल प्रर्दशिता रखते हो।आपका व्यवहार आपकी सोच से आपका दफ्तर कितना जुङा है ।आप अपने कार्य में कितने करीब से जुड़े हैं। इस बात के लिए आप तब सफल माने जाते है की आप अपने प्रोफेशनल जीवन में किस प्रकार और कैसे स्टैण्डर्ड नीतियों से आप टीम बनाने में कामयाब हो गये हैं।
टीम
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दफ्तर में अनेकों लोग कार्य कर सकते हैं। इसी प्रकार आपके स्वतंत्र रोजगार में भी एक से अधिक लोग आप से जुङ जाते हैं। क्या आपने कभी सोचा है ।आज जो आप इतने सारे लोगों से जुड़े है उन सबमें एक से बढकर एक खूबियां विदमान हैं। एक प्रोफेशनल व्यक्ति इन सभी अलग-अलग व्यक्ति की अच्छाइयों का पता लगाकर एक सूत्र में पिरोने का काम करता है। अपने टीम में मौजूद व्यक्ति और उनका व्यक्तित्व मोतियों से कही ज्यादा सशक्त और दमदार हो सकता है। टीम के लोगों की खूबियों की परख आपको पता होना चाहिए और इनको एक रखने की भावना पर आप काम करते हुए मजबूत टीम आप तैयार कर सकते हैं।
जानें एक दुसरे साथी को।
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आप अगर किसी दफ्तर में काम कर रहें और अपने बाकी साथियों के चित्त से आपका परिचय नही है तो आप में कार्य का तनाव बढता रहेगा।वर्क-प्रेशर से आपका व्यक्तिगत जीवन प्रभावित हो सकता है। आप इस तरह के स्ट्रेशर्स से अपने दैनिक क्रियाकलापों में तालमेल बिठाने में असुरक्षित महसूस कर सकते हैं। नतीजतन आप का व्यवहार चिङचिङा और अक्रामक भी होने लगता है। ऐसे में आपको चाहिए की ज्यादा से ज्यादा सहकर्मी के साथ समझ विकसित करें।यह टीम भावना को बढाने के साथ कार्यस्थल में गुणवत्ता पूर्ण महौल तैयार करने में सहायक होता है।
एक दुसरे की करें मदद!
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हर व्यक्ति का जीवन एक दुसरे से अलग है। पर्सनल लाइफ में हम सभी की समस्याएं भी जुदा-जुदा ही होगीं।ऐसे में ऑफिस में एक दुसरे साथियों के बीच वैमनस्य भुलाकर सहयोग की भावना रखने से भी कार्यस्थल खुशनुमा हो जाता है। दिनभर के काम के बाद भी आपका व्यवहार ऊर्जावान और सकारात्मक रूप से प्रबल होता है। कार्यालय में आपके मदद करने की भावना किसी में असुरक्षा की भावना को भी कम कर सकता है।
एक दुसरे का आदर करें।
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अगर देखा जाये तो प्रसंशा और आदर मानव समुदाय की वह समाजिक कङी है जिससे इंसान एक दुसरे के करीब आना चाहता है। कार्य में रूचि पैदा करना और बिना रूके-थके कार्य में सफल होने के लिए ऑफिस में अन्य कर्मचारी को एक दुसरे का आदर करना चाहिए ।यह वह माध्यम है जहाँ व्यक्ति अपने होने का एहसास करता है और भावनात्मक जुङाव महसूस कर काम के प्रति ज्यादा एकाग्र महसूस करता है।
भरोसा रखें।
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एक दुसरे पर भरोसा करने से टीम भाव को मजबूत खुराक मिलती है। जब ऑफिस में सहकर्मी एक दुसरे पर भरोसा जताते हैं तो मन में बैठी अयोग्यता इंसान की घटने लगती है। कर्मी अपने मौजूद सभी खूबियों को संगठित कर कार्य में लगा सकता है।
एक दुसरे पर किए गये भरोसा से अलग-अलग तरह की जानकारीयां आने लगती है। इस तरह की सूचनाएं एक-दुसरे से साझा करने और साथियों से सीखने से आप ऑफिस में अपने तनाव से बच सकते हैं। टीम में काम कर आप ऑफिस में बेहतरीन प्रदर्शन भी तय कर सकते हैं और मानक बन कर लोगों के बीच उदाहरण भी ।
-लेखक डॉ॰ मनोज कुमार, मनोवैज्ञानिक चिकित्सक हैं।
28/10/2021/रेनबो होम ,पटना।
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