पत्तलचटवा
पत्तलचटवा। ------------------- महेश्वर बाबू की साइकिल आज पंचर हो गयी थी। इसलिए आज वह सबलपुर पैदल ही कटाव का निरीक्षण करने आ गये थे। सामने से आ रहे एक नाबालिग ट्रैक्टर चालक ने उनकी धोती उङा दी।कीचङ से सने अपने कमीज की ओर देखा।54 वर्ष की उम्र में गाली देना अशोभनीय होता है। इसलिए पुरे ताकत से दांत पीसते हुए आगे निकल गये।वह मन ही मन सोच रहे थे की सोनपुर को अनुमंडल बने दो दशक से अधिक हो गये।हालात में क्या सुधार हुआ इसका जायजा लेने के लिए ही वह सोनपुर आमद से दक्षिण के गाँव भ्रमण को निकले थे। बङे-बङे पोस्टर में भावी मुखिया, सरपंच और पंचायत समिति के उम्मीदवार हाथ जोङे खङे है। बिना हेल्मेट के कुछ झंडा लिए नि-मुछिया लङके तेजी से जिंदाबाद के नारे लगाते हुए निकले जा रहें हैं। "प्रणाम ऐ महेश चा वोट देवे अलहू..ह !चापहू के भी व्यवस्था हव!प्रत्याशी के बैनर से मुंह ढके एक लङके ने आग्रह किया था। महेश्वर बाबू जैसे ही आवाज की दिशा में देखने की कोशिश कर पाये तबतक गाँव के ही बुझावन नाम के एक लङके का गुटका पचाक से उनके दाहिने कंधे पर पङ चुका था। महेश्वर बाबू स्वभाव से शांत प्रवृति के रहे हैं। अब धीरे-धी