जानिए कैसे बनेगें ऑफिस में आइडियल पर्सनैलिटी ।
प्रोफेशनल लाईफ मैनेजमेंट:जानें चित्त की परख के गुर। ---------------------------- कार्यस्थल पर होनेवाले तनाव से बच व्यक्तिगत जीवन को दें नया आयाम। ---------------------------------- स्नेहा आज फिर परेशान होकर ऑफिस के एक कोने में अपने सहकर्मियों को कोस रही थी। उनको यह महसूस होता था कि लोग उनके काम करने और स्पष्टवादी सोच से जलन रखते हैं। पुरूष सहकर्मी उनके लिए दिखावे का प्यार मगर असल में अपनी ताकत और रूआब से छल रहे हैं। इससे पहले वह पटना में एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम करती थी। वहाँ काम का समय निर्धारित नही था इसलिए घर और बच्चों पर वह ध्यान नही दे पा रही।पब्लिकेशन कंपनी के इस दफ्तर में भी स्नेहा असुरक्षित ही महसूस कर रही थी।सहकर्मियो का बर्ताव से स्नेहा का सरल स्वभाव गुस्से और अक्रामक स्वभाव की वजह से पति के साथ सदैव उनदोनो का अनबन हो रहा था। ऑफिस से घर आकर स्नेहा का शरीर जवाब दे देता था।मस्तिष्क ऐसा लगता था की किसी ने निचोङ कर रख दिया हो।वह मन ही मन डरने भी लगी थी। वह लाख चाहने के बावज़ूद ऑफिस के महौल में नही ढल पा रही थी।इस मुद्दे पर वह अपने कार्यालय के बौस से भी बहुत मर्तब