आपस में मिल करें अद्वितीय शक्ति का आगाज।
आपस में मिल करें अद्वितीय शक्ति का आगाज।
---------------------------------------
पत्थरों में फूल खिला दें!
बंजर भूमि को गुलशन बना दें,
मरुस्थल में शीतल जल।
ऐसे हैं हमारे शिव गुरूवर!
रोते को हंसना सीखा दें।
लङखङाते को चलना सीखा दें;
ऐसे हैं हमारे पैग़म्बर मुहम्मद!
चिङिया नाल जब बाज लङावा,
ता गोविंद सिंह नाम कहावा!
अपनी कृपा बल भर चिङिया में,
बाज का नामो निशां मिटवा दें!
ऐसे हैं हमारे गुरू गोविंद भगवन।
मानवता की खातिर सूली चढें!
ऐसे हैं हमारे प्रभु यीशु।
हे दया के सागर,रहम के परवर दीगार,कृपालु और त्यागी जगत के पालनहार!
अपने भक्तों के रक्षक बन उभरें,
करें कोरोना का संहार!
इस युग में आप सब मिल ,
करें आपस में अद्वितीय शक्ति का आगाज।
-डॉ॰ मनोज कुमार, मनोवैज्ञानिक, पटना।
Comments
Post a Comment