सेल्फी की आदत बढाये असुरक्षित व्यवहार!-डॉ॰ मनोज कुमार

हमारी शाख्सियत का पता  परिवार और समाज में दिये योगदान से होनी चाहिए।रंग-रूप ,सुडौल काया,आरी-तिरझी नयन-नक्शे कामयाबी में खलल नही डालते।हमारे भीतर बैठा हमारा स्वं ही हमें अलग-अलग बिंदुओं पर ले जाता है। कभी हम खुद को खराब तो कभी हमारे विचार खुद को ज्यादा महत्वपूर्ण समझने और दुसरों को कम समझने की दरख्वास्त करता है। ये हम ही है जो अपने आप को कभी ज्यादा तो कभी कम ट्यूनिंग करते रहते हैं। हमारे राग बदलते हुए दुसरे के सुर बिगाङते रहते हैं। इसका पता हमें नहीं चलता और हम खुद में खो जाते हैं।
खोये-खोये रहते हुए हम आभासी दुनिया में कदम रखते हैं। सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों पर अपने सजीव पिक्चर्स अपलोड करना एक तरह से अनेकानेक मनोवैज्ञानिक समस्याओं से युवाओं को धर कराने लगा है।
सेल्फी बहुत बार हमें खुशी तो कुछ मामले में खुद को कमत्तर आंकने का मौका देता है।
सेल्फी जब समस्या बन जाती है तो इस तरह के लक्षण उभरते हैं।

1.खाने पीने से, पढाई से और खेलों से मन का उचट होना।
2.बेवजह खुशी या दुखी होना।

3.पारिवारिक सदस्यों या दोस्तों से खराब व्यवहार होना।

3.बैचेन रहना, चिड़चिड़ापन और जल्दी घबरा जाना।
                              
                                सेल्फी में लाइक वह डिसलाइक के कारण पर्सनेलिटी डिसआर्डर के शिकार हो जाते हैं, ऐसे बच्चों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती हैं।

                          सेल्फाईटिस  दो प्रकार के होते है......
1.वाडरलाइन सेल्फाइटिस -------
                                   अगर आप रोजाना तीन या इससे अधिक सेल्फी किल्क करते हैं और इन्हें सोशल मीडिया पर अपलोड नहीं करते हैं, तो ये इस लत का प्रथम चरण है। इसमें............

2.कांनिक्ल सेल्फाइटिस ------ इसमें लोग रोजाना दस से अधिक सेल्फी किल्क करते हैं जिनमें से यह कम से कम छह सेल्फी सोशल मीडिया पर अपलोड करते हैं।
                              ऐसे बच्चों या लोगों की सोशल लाइफ सिर्फ कम्प्यूटर या मोबाइल तक ही सीमित रहती है।
          इन लोगों में अकेलापन या डिप्रेशन के सबसे अधिक मामले पाते जाते हैं।
-डॉ॰ मनोज कुमार
Counseling and psychotherapy center, patna की ओर से दिनांक( 21/3/2021/रविवार) जनहित में जारी।

Comments

Popular posts from this blog

Dr Manoj Kumar brief profile

संक्षिप्त में जानें डॉ॰ मनोज कुमार के बारे में

डॉ॰ मनोज कुमार, मनोवैज्ञानिक, पटना संक्षिप्त परिचय ।